दिल्ली पुलिस ने पैरोल पर छूटने के बाद फरार हुए एक कातिल को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया है. उसने अवैध संबंधों के चलते अपनी पत्नी सहित तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. उसकी पहचान नितिन वर्मा के रूप में हुई है. उसे साल 2008 में गिरफ्तारी किया गया था. लेकिन एक साल बाद पैरोल पर छूट गया था. उसके बाद से ही वो फरार चल रहा था.
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) अमित गोयल ने बताया, "19 अप्रैल, 2008 को द्वारका पुलिस स्टेशन में सूचना मिली थी कि दिल्ली के पालम गांव की गली नंबर 9 में तीन लोगों की हत्या कर दी गई है. पुलिस जब घर में गई तो उन्हें एक पुरुष और दो महिलाओं के शव मिले, जिनकी धारदार हथियार से हत्या की गई थी. सभी शव खून से लथपथ और उन पर कई घाव थे.''
डीसीपी ने कहा, "इस मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद जांच शुरू की गई. इस दौरान पता चला कि मृतकों में से दो के बेटे को भी घायल अवस्था में डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने जब गहराई से जांच की तो चौंकाने वाली बात पता चली. परिवार के मुखिया नितिन वर्मा ने ही इस वारदात को अंजाम दिया था.''
पुलिस के मुताबिक, नितिन ने अवैध संबंध के चलते अपनी गर्भवती पत्नी और अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी. इतना ही नहीं पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्याओं के बाद अपने ऊपर हुए हमले का नाटक भी किया था. पुलिस ने जांच के बाद मौजूद सबूतों के आधार पर उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी, जिसके आधार पर जज ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
सजा मिलने के एक साल बाद हत्यारे नितिन वर्मा को पैरोल मिल गई. वो जेल से बाहर आ गया, लेकिन निश्चित समयावधि के बाद वापस जेल जाने की बजाए वो फरार हो गया. करीब 15 साल तक वो पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहा. इसी बीच सूचना मिली कि वो पालम कॉलोनी में रहता है, लेकिन पुलिस टीम पहुंची तो सूचना गलत साबित हुई. इसके बाद पुलिस ने जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी.
नितिन वर्मा पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में काम करता था. पुलिस की टीम वहां भी पहुंची, लेकिन वो वहां से काम छोड़कर जा चुका था. इसके बाद तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि वो गुवाहाटी में है. पुलिस ने वहां जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी पुलिस को चकमा देने और गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना मोबाइल हैंडसेट, सिम और ठिकाने बदल रहा था.
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